A Simple Key For sidh kunjika Unveiled
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता click here बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.